Know Mobile Connections in Your Name
Know the number of connections issued in your name by logging in using your mobile number
tafcop एक डिजिटल टूल: मोबाइल नंबर की निगरानी का सबसे आसान तरीका
भारत सरकार द्वारा विकसित tafcop एक डिजिटल टूल है, जिसे इस मकसद से बनाया गया है कि कोई भी नागरिक यह आसानी से पता लगा सके कि उसके नाम पर कितने सिम कार्ड जारी किए गए हैं। यह टूल पूरी तरह से ऑनलाइन है और सरल, सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस के साथ आता है।
tafcop tool का उपयोग करना बहुत ही आसान है – केवल मोबाइल नंबर डालें, OTP से वेरिफाई करें, और देख लें कि आपके नाम पर कौन-कौन से मोबाइल नंबर एक्टिव हैं।

tafcop टूल कैसे करता है काम?
यह टूल DoT यानी Department of Telecommunications के अंतर्गत काम करता है। जब भी आप इस टूल का उपयोग करते हैं, यह सीधे टेलिकॉम कंपनियों के डेटाबेस से जानकारी प्राप्त करता है।
- यह टूल आपके मोबाइल नंबर से जुड़ा KYC डेटा एक्सेस करता है।
- इसके बाद वह आपको दिखाता है कि आपके आधार या नाम से कौन-कौन से मोबाइल नंबर एक्टिव हैं।
- यदि कोई अनजान या फर्जी नंबर दिखता है, तो आप उसी इंटरफेस से “Report” कर सकते हैं।
tafcop टूल के फीचर्स जो इसे खास बनाते हैं
- रीयल टाइम मोबाइल कनेक्शन ट्रैकिंग
- OTP आधारित लॉगिन सुरक्षा
- संदिग्ध नंबरों को तुरंत रिपोर्ट करने की सुविधा
- सरकारी और अधिकृत प्लेटफॉर्म से डेटा
- बिना लॉगिन पासवर्ड के केवल मोबाइल नंबर से एक्सेस
tafcop एक डिजिटल सुरक्षा कवच
जैसे Antivirus आपके कंप्यूटर को वायरस से बचाता है, उसी तरह tafcop एक डिजिटल सुरक्षा कवच है जो आपकी डिजिटल पहचान को मोबाइल फ्रॉड से सुरक्षित रखता है। यह टूल:
- पहचान की चोरी से बचाता है
- सिम क्लोनिंग को जल्दी पकड़ने में मदद करता है
- सीनियर सिटीजन और ग्रामीण यूज़र्स को सशक्त बनाता है
- बच्चों और परिवार की डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करता है
tafcop टूल कैसे उपयोग करें – Step by Step
Step 1: https://tafcop.sancharsaathi.gov.in/telecomUser/ पर जाएँ
Step 2: अपना सक्रिय मोबाइल नंबर डालें
Step 3: OTP दर्ज करें जो आपके नंबर पर आएगा
Step 4: स्क्रीन पर दिखने वाले सभी नंबरों को ध्यान से पढ़ें
Step 5: यदि कोई अनजाना नंबर दिखे तो “This is not my number” पर क्लिक करके रिपोर्ट करें
tafcop एक जागरूकता बढ़ाने वाला टूल
यह केवल एक निगरानी टूल नहीं है, बल्कि यह देश में डिजिटल जागरूकता का प्रतीक बन चुका है। सरकार इस टूल को हर नागरिक तक पहुँचाने के लिए कैंपेन चला रही है ताकि हर कोई अपने नाम पर हो रहे गलत इस्तेमाल को रोक सके।
tafcop एक भविष्यगामी टूल
भविष्य में tafcop को अन्य तकनीकों जैसे AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से जोड़ा जा सकता है। यह इसे और स्मार्ट बना देगा:
- संदिग्ध सिम नंबर की पहचान अपने आप हो सकेगी
- समय रहते चेतावनी मिल सकेगी
- धोखाधड़ी के मामलों की रिपोर्टिंग और ट्रैकिंग आसान होगी
Tafcop Portal
भारत सरकार डिजिटल भारत अभियान के अंतर्गत नागरिकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए कई प्रभावशाली कदम उठा रही है। इन्हीं प्रयासों में से एक है TAFCOP Portal, जो मोबाइल उपभोक्ताओं को उनकी पहचान और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी प्रदान करता है। आज जब डिजिटल सेवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, तब यह जरूरी हो जाता है कि हम यह जान सकें कि हमारे नाम पर कितने मोबाइल नंबर सक्रिय हैं और कहीं कोई अनजान सिम तो हमारे नाम पर नहीं चल रहा। Tapcof Portal इसी उद्देश्य की पूर्ति करता है। यह पोर्टल न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, बल्कि उपयोगकर्ताओं को सशक्त भी बनाता है ताकि वे अपनी डिजिटल पहचान की सुरक्षा कर सकें।

- Why Tafcop is Not Working? TAFCOP काम क्यों नहीं कर रहा है?
- TAFCOP अनुरोध को रद्द कैसे करें? (How to Cancel TAFCOP Request in Hindi)
- TAFCOP Tracking कैसे करते हैं? – पूरी जानकारी हिंदी में
- Tapcof Aadhar Card Status Check Online – 2025 में पूरी प्रक्रिया जानिए
- TAPCOF Login: TAFCOP पोर्टल लॉगिन की पूरी जानकारी (2025)
TAFCOP Portal क्या है?
TAFCOP यानी Telecom Analytics for Fraud Management and Consumer Protection एक सरकारी पोर्टल है, जिसे दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा आम नागरिकों की सुविधा के लिए विकसित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को यह जानकारी देना है कि उनके नाम पर कितने सिम कार्ड एक्टिव हैं। इस पोर्टल की मदद से आप बहुत ही सरलता से जान सकते हैं कि आपके नाम पर कोई अनजान मोबाइल नंबर तो नहीं चल रहा। यह सेवा पूरी तरह नि:शुल्क है और इसे उपयोग करने के लिए आपको केवल अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होता है।
TAFCOP Portal क्यों जरूरी है?
आज के समय में जब हर सेवा मोबाइल नंबर से जुड़ी हुई है—जैसे बैंकिंग, यूपीआई, आधार, ईमेल, सोशल मीडिया और सरकारी लाभ—तो यह जानना अत्यंत जरूरी हो जाता है कि कहीं कोई व्यक्ति आपके नाम पर फर्जी सिम का उपयोग तो नहीं कर रहा। इससे पहचान की चोरी, धोखाधड़ी और अन्य साइबर अपराधों का खतरा बढ़ जाता है। Tapcof उपभोक्ताओं को सशक्त बनाता है ताकि वे खुद यह जांच सकें कि उनके नाम पर कौन-कौन से मोबाइल नंबर चालू हैं और ज़रूरत पड़ने पर फर्जी नंबर को रिपोर्ट कर सकें।
TAFCOP पोर्टल की शुरुआत कब और कैसे हुई?
TAFCOP पोर्टल की शुरुआत अप्रैल 2021 में की गई थी। इसे सबसे पहले आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में लागू किया गया। प्रारंभ में यह एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था, लेकिन इसकी सफलता और उपयोगिता को देखते हुए इसे अब पूरे भारत में लागू कर दिया गया है। इसका इंटरफेस बहुत ही सरल और यूज़र-फ्रेंडली है, ताकि कोई भी आम नागरिक बिना किसी तकनीकी जानकारी के इसका उपयोग कर सके।
TAFCOP पोर्टल पर मिलने वाली सेवाएं
TAFCOP पोर्टल उपभोक्ताओं को कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करता है, जैसे:
- आपके नाम पर जारी सभी मोबाइल नंबरों की पूरी सूची।
- किसी भी अनजान या संदिग्ध नंबर को पहचानने और रिपोर्ट करने की सुविधा।
- OTP आधारित सत्यापन प्रक्रिया जिससे कोई और आपकी जानकारी का दुरुपयोग न कर सके।
- रिपोर्ट दर्ज करने के बाद उसकी स्थिति को ट्रैक करने की सुविधा।
- फीडबैक और समर्थन के लिए उपयोगकर्ता सहायता।
इन सुविधाओं के जरिए यह पोर्टल उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करता है।
TAFCOP पोर्टल से मोबाइल नंबर की जानकारी कैसे प्राप्त करें?
इस पोर्टल का उपयोग बेहद आसान है। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
- सबसे पहले https://tafcop.sancharsaathi.gov.in/telecomUser/ वेबसाइट पर जाएं।
- वहां अपना सक्रिय मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- “Request OTP” बटन पर क्लिक करें।
- प्राप्त OTP को दर्ज कर वेरीफाई करें।
- स्क्रीन पर आपके नाम से जुड़े सभी मोबाइल नंबरों की सूची प्रदर्शित होगी।
- यदि किसी नंबर को आप पहचानते नहीं हैं, तो उसे “This is not my number” विकल्प के जरिए रिपोर्ट करें।
Aadhaar कार्ड से लिंक नंबर की जानकारी
Tapcof Portal सीधे आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर नहीं दिखाता है, लेकिन जो मोबाइल नंबर आपने किसी KYC प्रक्रिया में इस्तेमाल किए हैं, वे इस पोर्टल पर दिखाई देते हैं। इससे आपको यह जानने में मदद मिलती है कि आपके दस्तावेजों का उपयोग किन मोबाइल कनेक्शनों के लिए किया गया है। आधार के दुरुपयोग की संभावना को कम करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण टूल बन जाता है।
TAFCOP Portal से फर्जी सिम की पहचान कैसे करें?
यदि कोई धोखेबाज़ आपके नाम और दस्तावेज़ों का दुरुपयोग कर सिम कार्ड ले लेता है, तो TAFCOP पोर्टल उसकी पहचान करने में मदद करता है। यदि पोर्टल पर कोई ऐसा नंबर दिखाई दे, जिसे आपने कभी इस्तेमाल नहीं किया या जिसके बारे में जानकारी नहीं है, तो आप उसे रिपोर्ट कर सकते हैं और उसे बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इससे आपकी डिजिटल पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
TAFCOP और साइबर सुरक्षा का संबंध
डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा एक गंभीर विषय बन गया है। फर्जी सिम कार्ड का उपयोग करके बैंकिंग फ्रॉड, OTP धोखाधड़ी, फिशिंग और अन्य अपराध किए जा सकते हैं। TAFCOP पोर्टल साइबर सुरक्षा की दिशा में सरकार का एक ठोस कदम है, जो आपके मोबाइल कनेक्शन की निगरानी करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है।
TAFCOP पर शिकायत कैसे करें?
यदि आप किसी अनजान मोबाइल नंबर को अपने नाम पर सक्रिय पाएँ, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके शिकायत दर्ज कर सकते हैं:
- “This is not my number” विकल्प पर क्लिक करें।
- कारण दर्ज करें, जैसे “I don’t know this number” या “This number is not mine”।
- रिपोर्ट सबमिट करें।
- पोर्टल आपको एक Tracking ID प्रदान करेगा, जिससे आप शिकायत की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।
TAFCOP का मोबाइल ऐप
फिलहाल TAFCOP की सुविधाएं केवल वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध हैं। लेकिन भविष्य में सरकार द्वारा इसका मोबाइल ऐप लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यूजर्स को और अधिक सुगमता से सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी। ऐप के ज़रिए OTP, शिकायतें और अपडेट्स की जानकारी तुरंत मिल सकेगी।
TAFCOP का लाभ किन-किन को होता है?
- आम नागरिकों को: उन्हें यह जानने में मदद मिलती है कि उनके नाम पर कोई फर्जी सिम तो नहीं है, जिससे वे अपनी पहचान और डेटा की रक्षा कर सकें।
- सरकार को: यह पोर्टल सरकार को मोबाइल फ्रॉड और अपराधों पर नज़र रखने में मदद करता है।
- टेलिकॉम कंपनियों को: सटीक KYC डेटा मिलने से वे अपने रिकॉर्ड को साफ-सुथरा और कानूनी रख सकते हैं।
TAFCOP और टेलिकॉम कंपनियों की भूमिका
सभी टेलिकॉम कंपनियों को KYC नियमों का पालन करते हुए ही सिम कार्ड जारी करने होते हैं। Tapcof Portal के ज़रिए सरकार यह सुनिश्चित करती है कि कंपनियाँ इन नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं। यह पारदर्शिता को बढ़ावा देता है और कंपनियों पर निगरानी भी रखता है।
TAFCOP और KYC नियम
KYC यानी “Know Your Customer” नियमों के अनुसार, हर मोबाइल कनेक्शन के लिए यूज़र की पहचान और दस्तावेज़ों की पुष्टि आवश्यक होती है। TAFCOP पोर्टल इस प्रक्रिया की निगरानी करता है और यदि कोई फर्जी दस्तावेज़ से सिम लिया गया हो, तो उसकी तुरंत पहचान कर उसे बंद कराने की प्रक्रिया शुरू करता है।
TAFCOP द्वारा भेजे जाने वाले SMS
यदि आपके नाम पर कोई नया मोबाइल नंबर लिया गया हो, तो TAFCOP आपको SMS के जरिए सूचित करता है, जैसे:
“The mobile connections issued in your name are…”
यदि इस SMS में कोई ऐसा नंबर दिखाई दे, जिसे आप नहीं पहचानते, तो तुरंत TAFCOP पोर्टल पर जाकर शिकायत दर्ज करें।
tafcop पोर्टल और भारत में डिजिटल पहचान की सुरक्षा
भारत में मोबाइल फोन अब केवल संचार का माध्यम नहीं रह गया है, यह आपकी पहचान, वित्तीय जानकारी और सरकारी योजनाओं का प्रवेश द्वार बन चुका है। ऐसे में, किसी के नाम पर गलत तरीके से सिम जारी हो जाना गंभीर खतरा बन सकता है। tafcop portal इस खतरे से सुरक्षा प्रदान करने वाला एक मजबूत हथियार है। यह पोर्टल सरकार और नागरिकों के बीच एक डिजिटल पुल है, जो भरोसे और पारदर्शिता को मजबूत करता है।
tafcop का इस्तेमाल करके कोई भी नागरिक यह जान सकता है कि उसके नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन जारी हुए हैं। यह जानकारी मिलना, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए, एक बड़ा कदम है जहां अब तक डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों को समय पर पकड़ना लगभग असंभव था।
मोबाइल फ्रॉड से जुड़ी कुछ वास्तविक घटनाएं और tafcop की उपयोगिता
भारत में हर साल लाखों लोग मोबाइल फ्रॉड के शिकार होते हैं। किसी के नाम पर सिम कार्ड लेकर फर्जी बैंकिंग ट्रांजैक्शन, आधार से OTP निकालना, पैन कार्ड से ऋण लेना, यहाँ तक कि क्रिमिनल एक्टिविटी तक की जा रही है। नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
- उत्तर प्रदेश के एक किसान के नाम पर 7 सिम कार्ड निकाले गए, जिनसे साइबर क्राइम किया गया। किसान को पता ही नहीं चला जब तक पुलिस ने नोटिस नहीं भेजा।
- दिल्ली की एक महिला के नाम से 3 सिम कार्ड जारी हुए, जिनका इस्तेमाल OTP चोरी और पेटीएम फ्रॉड के लिए किया गया।
ऐसी घटनाएं इस बात को साबित करती हैं कि tafcop portal न केवल सुविधाजनक है, बल्कि समय की माँग भी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में tafcop की पहुंच और प्रभाव
भारत की बड़ी आबादी गांवों में रहती है। तकनीकी पहुंच वहां धीमी रही है, लेकिन अब इंटरनेट और स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग से tafcop जैसे टूल्स का लाभ गांवों तक पहुँच रहा है।
tafcop portal का सरल इंटरफेस और OTP आधारित लॉगिन प्रक्रिया ग्रामीण लोगों के लिए भी इसे उपयोगी बनाती है। सरकार अब पंचायत स्तर पर डिजिटल साक्षरता अभियान चला रही है ताकि हर व्यक्ति अपने नाम पर चल रहे मोबाइल नंबर को नियंत्रित कर सके।
tafcop और सीनियर सिटीजन
अक्सर वरिष्ठ नागरिकों को तकनीकी धोखाधड़ी का सबसे आसान निशाना समझा जाता है। उनकी पहचान का गलत उपयोग करके फर्जी सिम कार्ड निकाले जाते हैं। tafcop उनके लिए एक ढाल की तरह है।
यदि आप या आपके घर के किसी बुजुर्ग के पास मोबाइल नंबर है, तो tafcop से जुड़ना बहुत ज़रूरी है। उन्हें यह जानना चाहिए कि उनके नाम पर कोई अनधिकृत सिम तो सक्रिय नहीं है।
कॉरपोरेट और बिजनेस सेक्टर के लिए tafcop की भूमिका
कॉरपोरेट सेक्टर में सैकड़ों कर्मचारियों को SIM कार्ड्स दिए जाते हैं। ऐसे में कई बार यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि किसका कनेक्शन किसके नाम पर चल रहा है। tafcop जैसी सुविधा से HR और IT डिपार्टमेंट्स अपने कर्मचारियों के मोबाइल कनेक्शन्स का डेटा जांच सकते हैं और उन्हें फ्रॉड से बचा सकते हैं।
यह पोर्टल सरकारी विभागों, बैंकिंग संस्थानों, और टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए भी उतना ही उपयोगी है जितना आम नागरिकों के लिए।
tafcop और बच्चों की डिजिटल सुरक्षा
आजकल बच्चों के लिए भी मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग सामान्य हो गया है। माता-पिता अक्सर उनके नाम से मोबाइल नंबर नहीं लेते, लेकिन कुछ मामलों में स्कैमर्स ऐसा कर सकते हैं। tafcop के माध्यम से अभिभावक अपने नाम से जुड़े सिम कार्ड की जांच कर सकते हैं ताकि उनके परिवार की डिजिटल सुरक्षा बनी रहे।
tafcop पर मिले नोटिफिकेशन और अलर्ट कैसे पढ़ें?
जब आप tafcop पोर्टल पर लॉगिन करते हैं, तो यदि आपके नाम से कोई नया सिम लिया गया है, तो आपको अलर्ट मिलता है। इस अलर्ट में नंबर की जानकारी, जारी करने की तारीख, और ऑपरेटर का नाम होता है।
इन नोटिफिकेशन को गंभीरता से पढ़ें और यदि कोई जानकारी गलत लगती है तो तुरंत “Report” बटन का उपयोग करें। हर अलर्ट के साथ आपको एक ट्रैकिंग ID भी मिलती है।
tafcop और सिम के क्लोनिंग स्कैम
सिम क्लोनिंग एक नई तकनीक है जिसमें स्कैमर्स आपकी सिम की डुप्लिकेट कॉपी बनाकर उसका उपयोग करते हैं। इससे आपके बैंक OTP, कॉल और मैसेज उनके पास पहुंचते हैं।
tafcop पोर्टल सिम क्लोनिंग को सीधे नहीं रोकता लेकिन यदि कोई नया या डुप्लिकेट नंबर आपके नाम से जुड़ा है, तो वह सूची में दिख जाएगा और आप तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं।
tafcop और AI आधारित फ्रॉड डिटेक्शन की संभावना
भविष्य में tafcop को AI (Artificial Intelligence) के साथ जोड़ा जा सकता है, जिससे यह पोर्टल खुद ही संदिग्ध नंबरों की पहचान कर सके और यूजर को अलर्ट भेज सके।
AI आधारित tafcop नए कनेक्शन्स के पैटर्न, लोकेशन, और समय का विश्लेषण करके यह अनुमान लगा सकेगा कि कोई नंबर संदिग्ध है या नहीं।
tafcop और अन्य नागरिक सुरक्षा पोर्टल्स का एकीकरण
सरकार की योजना है कि tafcop को अन्य सुरक्षा पोर्टल्स जैसे DigiLocker, mAadhaar और UMANG के साथ जोड़ा जाए ताकि एक सिंगल इंटरफेस से सभी सेवाएं मिल सकें।
इससे यूजर एक ही प्लेटफॉर्म से अपने दस्तावेज़, मोबाइल नंबर, बैंक लिंक, आदि की जांच कर सकेगा।
tafcop की जागरूकता के लिए सरकार की पहल
सरकार tafcop को लोगों तक पहुँचाने के लिए प्रचार-प्रसार कर रही है:
- सोशल मीडिया पर विज्ञापन
- ग्राम पंचायतों में डेमो
- स्कूलों में डिजिटल साक्षरता कार्यशाला
- CSC (Common Service Centres) पर सहयोग
tafcop को लेकर गलतफहमियाँ
कुछ आम गलतफहमियाँ:
- यह केवल पोस्टपेड नंबर दिखाता है (❌ गलत)
- इससे सिम कार्ड बंद किया जा सकता है (❌ नहीं, केवल रिपोर्ट किया जा सकता है)
- tafcop पर जानकारी असुरक्षित होती है (❌ नहीं, पूरी तरह सुरक्षित है)
tafcop का तकनीकी आधार
यह पोर्टल DoT के डेटा एनालिटिक्स इंजन से जुड़ा है जो टेलिकॉम कंपनियों से KYC डेटा लेकर उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय में जानकारी देता है।
tafcop पोर्टल और भारतीय नागरिकों का अधिकार
tafcop केवल एक वेबसाइट नहीं, यह नागरिकों के सूचना के अधिकार का हिस्सा है। इसके माध्यम से हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारी पहचान का उपयोग कोई और न कर रहा हो। यह हमारी डिजिटल स्वतंत्रता की निशानी है।
FAQs
यह पोर्टल यह दिखाता है कि आपके नाम पर कितने मोबाइल नंबर चालू हैं और फर्जी नंबर की रिपोर्ट करने की सुविधा देता है।
हां, यह भारत सरकार का पोर्टल है और पूरी तरह से सुरक्षित है।
नेटवर्क बदलें या कुछ समय बाद फिर से प्रयास करें।
सामान्यतः 7-15 कार्यदिवस में कार्रवाई पूरी होती है।
सीधे नहीं, लेकिन आपके नाम से जुड़े नंबर जरूर दिखते हैं।
निष्कर्ष (अपडेटेड)
tafcop portal एक क्रांतिकारी प्रयास है जो भारत के नागरिकों को मोबाइल फ्रॉड से सुरक्षा देता है। इसकी मदद से हर व्यक्ति अपनी पहचान और डेटा की रक्षा कर सकता है। सरकारी सहयोग, आसान उपयोग और पारदर्शी प्रक्रिया इसे और भी प्रभावी बनाती है।
आज जब टेक्नोलॉजी हर दिन नया रूप ले रही है, तब tafcop जैसा समाधान नागरिकों को न केवल जानकारी देता है, बल्कि उन्हें सशक्त भी करता है। यदि आपने अभी तक tafcop का उपयोग नहीं किया, तो आज ही इसे अपनाएं और अपने डिजिटल जीवन को सुरक्षित बनाएं।